आंतों की सेहत हमारी ओवर ऑल शारीरिक और मानसिक सेहत से जुड़ी हुई है। हेल्दी आंत न सिर्फ पाचन को बेहतर बनाती है, बल्कि हमारी इम्यूनिटी को भी मजबूत करती है। हेल्दी गट हमारी मानसिक स्थिति, स्किन, वजन और हार्मोन बैलेंस को भी प्रभावित करती है। हमारी बॉडी को हेल्दी रखने के लिए गट हेल्थ का दुरुस्त होना बेहद जरूरी है। आंत के कामों की बात करें तो ये हमारे खाने को पचाकर पोषक तत्वों को शरीर में पहुंचाने का काम करती हैं। लगभग 70% इम्यून सिस्टम आंतों में होता है।

अगर आंत हेल्दी होती है तो शरीर को संक्रमणों से लड़ने में मदद मिलती है। आंतों को दूसरा मस्तिष्क कहा जाता है क्योंकि यह ब्रेन के साथ सीधा संपर्क रखती है। खराब गट हेल्थ से तनाव, एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याएं हो सकती हैं।

हमारी ओवर ऑल हेल्थ को दुरुस्त रखने के लिए आंतों का हेल्दी होना बेहद जरूरी है। आंतों को हेल्दी रखने में आप डाइट में सिर्फ कुछ छोटे-छोटे बदलाव कर सकते हैं और खुद में बदलाव महसूस कर सकते हैं। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (GI) सर्जन और कंटेंट क्रिएटर डॉ. करण राजन ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया पोस्ट में चार खास फूड्स के बारे में बताया है जिनका सेवन करने से आंतों की सूजन कंट्रोल होती है और आंतों की सेहत में सुधार होता है। उन्होंने बताया है कि रिसर्च के मुताबिक ये चार चीज़ें आपकी गट हेल्थ को सुधार सकती हैं। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से ऐसे फूड हैं जो गट हेल्थ में सुधार करते हैं।

कीवी फल से करें आंतों की सेहत में सुधार

कीवी एक ऐसा फल है जो आंतों की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। एक मीडियम साइज कीवी में लगभग 2 से 3 ग्राम फाइबर होता है जो पेट साफ़ रखने में मदद करता है। यह फाइबर मल को सॉफ्ट बनाता है और आंतों की गति को बढ़ाता है जिससे कब्ज की समस्या नहीं होती। कीवी में  ऑक्टेनीडिन (Actinidin) नामक एक खास एंजाइम होता है जो प्रोटीन को पचाने में मदद करता है। जिन लोगों की पाचन क्रिया धीमी होती है या गैस्ट्रिक एंप्टिंग की समस्या होती है उनके लिए ये फल अमृत है। चार हफ्तों तक रोजाना दो कीवी का सेवन करने से आपकी गट की सूजन दूर होगी और गट हेल्थ में सुधार होगा।

दिन में दो बार कॉफी पिएं

अगर आप आंतों की सेहत को दुरुस्त करना चाहते हैं तो दिन में दो बार कॉफी का सेवन करें। कॉफ़ी चाहे वो कैफीन वाली हो या कैफीन रहित हो दोनों का सेवन आंत की सेहत के लिए उपयोगी होता है। यह बड़ी आंत की गतिविधि को उत्तेजित करती है, जिससे पाचन तंत्र तेज़ी से काम करता है और खाना जल्दी पचता है और मल के रूप में बाहर निकलता है।  कॉफ़ी में मौजूद पॉलीफेनॉल्स एक तरह के प्राकृतिक यौगिक होते हैं जो प्रीबायोटिक की तरह काम करते हैं। ये गुड बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करते हैं, जिससे आंतों की सेहत बेहतर होती है और पाचन क्रिया संतुलित रहती है।